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बोधना शिवनंदन बुडापेस्ट चेस ओलंपियाड के लिए इंग्लैंड की ओर से क्वालिफाई किया है। चौथी क्लास में पढ़ने वाली भारतीय मूल की ब्रिटिश बच्ची बोधना चेस में हाई लेवल पर इंग्लैंड का प्रतिनिधित्व करने वाली सबसे कम उम्र की प्लेयर बन गई है।

यूट्यूब और ऑनलाइन चेस खेलकर बारीकियां सीखीं
बात 2020 की है, महामारी दुनियाभर में फैल रही थी। उसी वक्त लंदन में रहने वाले इंजीनियर शिवनंदन वेलायुधम के दोस्त को अचानक भारत लौटना पड़ा। वे अपना कुछ सामान लंदन में ही छोड़ गए। इन्हीं में से एक बैग में चेस बोर्ड था। शिव ने सामान फेंक दिया। वहीं पर खेल रही उनकी 5 साल की बेटी बोधना को बोर्ड से ठोकर लगी। उसने शिव से पूछा, तो उन्होंने चेस बोर्ड व मोहरे बेटी को दे दिए। हालांकि एक मोहरा कम था। बोधना की जिज्ञासा बढ़ती गई।

इसके बाद उसने यूट्यूब और ऑनलाइन चेस खेलकर बारीकियां जानी। धीरे-धीरे वह पिता को हराने लगी, ऑनलाइन टूर्नामेंट भी जीतने लगी।धैर्य रखकर हर चाल चलती है बोधना
इंग्लिश चेस फेडरेशन में इंटरनेशनल चेस के डायरेक्टर मैल्कम पेन कहते हैं, बोधना टीम में सबसे कम उम्र की प्लेयर है, उसकी दूसरी टीममेट लेन याओ 23 साल की हैं। पेन उसे पोजिशनल प्लयेर कहते हैं। वह मोहरों की स्थिति पर गहरी जानकारी रखती है। धैर्य रखकर हर चाल चलती है। इंग्लैंड के इंटरनेशनल मास्टर चेस प्लेयर लरिंस ट्रेंट को बोधना पर यकीन है कि वह ग्रेट प्लेयर बनेगी।