करीब 6 हजार साल पहले जब भारत में सिंधु घाटी सभ्यता का विकास हो रहा था। लोग पक्के घर और सीवेज सिस्टम बना रहे थे, लगभग उसी दौरान इजिप्ट के लोगों ने खेलों पर सट्टा खेलना शुरू कर दिया था। 2800 साल पहले जब एंशिएंट ओलिंपिक की शुरुआत हुई तो उस दौरान भी खेलों पर सट्टा लगाना काफी आम था। क्रिकेट की बात करें तो आज से 360 साल पहले 1664 में इंग्लैंड की संसद ने सट्टा खेलने पर कानून बना दिया था।
हालांकि, तब से अब तक दुनिया के कई देशों में सैकड़ों कानून बन जाने के बावजूद खेलों पर सट्टेबाजी बदस्तूर जारी है।
अब क्रिकेट का खेल दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति अमेरिका में भी पैर जमाने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका 2 जून से शुरू हो रहे 9वें टी-20 वर्ल्ड कप की मेजबानी करेगा। ऐसे में यह जानना रोचक होगा कि वहां सट्टेबाजी की क्या स्थिति है? क्या अमेरिका में इसे कानूनी मान्यता मिली हुई है? अमेरिका का सट्टेबाजी इकोसिस्टम भारत से कितना अलग है? सभी सवालों का जवाब आगे जानते हैं।
अमेरिकी लोगों ने 2023 में 10 लाख करोड़ की स्पोर्ट्स बेटिंग की
2018 में सुप्रीम कोर्ट से मान्यता मिलने के बाद अमेरिका में स्पोर्ट्स बेटिंग जंगल में आग की तरह फैली। अमेरिकी गेमिंग एसोसिएशन के मुताबिक 2023 में अमेरिका में लोगों ने 119.84 बिलियन डॉलर, यानी करीब 10 लाख करोड़ रुपए की स्पोर्ट्स बेटिंग की। यह रकम 2022 की तुलना में 27.5% ज्यादा है।
लोगों की बेटिंग में बढ़ती रुचि से अमेरिकी बेटिंग कंपनियों का रेवेन्यू भी साल दर साल बढ़ता जा रहा है। 2023 में अमेरिकी स्ट्टेबाजी कंपनियों ने 10.92 बिलियन डॉलर, यानी करीब 90 हजार करोड़ रुपए का रेवेन्यू जनरेट किया।