राजगीर:- गोल्डन गर्ल’ दीपिका के टूर्नामेंट में 11वें गोल की मदद से भारत ने ओलंपिक सिल्वर मेडलिस्ट चीन को 1-0 से हराकर महिला एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी हॉकी खिताब बरकरार रखा। पिछले साल रांची में और 2016 में सिंगापुर में यह खिताब जीत चुकी भारतीय टीम ने जबर्दस्त तालमेल और संयम का परिचय देते हुए चीन को हाशिये पर रखा। पहला हाफ गोलरहित रहने के बाद दूसरे हाफ के पहले ही मिनट में भारत को मिले पेनल्टी कॉर्नर पर दीपिका ने गोल करके खचाखच भरे बिहार खेल यूनिवर्सिटी स्टेडियम में मौजूद दर्शकों में उत्साह का संचार कर दिया।
दूसरे हाफ के पहले ही मिनट में भारत को लालरेम्सियामी ने पेनल्टी कॉर्नर दिलाया। इस पर पहला शॉट चूक गया लेकिन गेंद सर्कल के भीतर ही थी और नवनीत की स्टिक से डिफ्लैक्ट होकर दीपिका के पास पहुंची जिसने शानदार फ्लिक से उसे गोल के भीतर डाला। भारत के पास तीसरे क्वार्टर में ही बढत दुगुनी करने का सुनहरा मौका था लेकिन 42वें मिनट में मिले पेनल्टी स्ट्रोक पर दीपिका का शॉट चीन की गोलकीपर ने दाहिनी ओर डाइव लगाकर बचा लिया। भारत को चौथे क्वार्टर में भी एक पेनल्टी कॉर्नर मिला लेकिन वैरिएशन का कोई नतीजा नहीं निकला। इससे पहले चीन ने शुरूआती मिनट से गेंद पर नियंत्रण के मामले दबदबा बनाए रखा। पहले हाफ में हालांकि भारतीय टीम आठ बार चीन के सर्कल में घुसी और चीनी टीम पांच बार ही हमले बोल सकी लेकिन उसने भारतीय खिलाड़ियों को गेंद आसानी से नहीं लेने दी। वहीं भारतीय खिलाड़ी एक बार फिर फिनिशंग टच के लिये जूझते रहे। जापान के खिलाफ सेमीफाइनल में 16 पेनल्टी कॉर्नर में से एक भी तब्दील नहीं कर सकी भारतीय टीम की कमजोरी फाइनल में पहले 30 मिनट में फिर देखने को मिली जब उसे मिले चार पेनल्टी कॉर्नर बेकार गए। भारत के पास चौथे मिनट में गोल करने का मौका था जब सुनेलिटा टोप्पो दाहिने फ्लैंक से अकेले गेंद लेकर आगे बढी लेकिन उनके प्रयास को चीन की गोलकीपर ने नाकाम कर दिया।