वानखेड़े स्टेडियम 2011 का वनडे वर्ल्ड कप फाइनल होस्ट करने के लिए फेमस है। जहां भारत ने श्रीलंका को हराकर ट्रॉफी जीती थी। यहीं ‘क्रिकेट के भगवान’ सचिन तेंदुलकर अपना आखिरी इंटरनेशनल भी मैच खेला था।रणजी ट्रॉफी के 89वें सीजन का फाइनल मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में हो सकता है। होम टीम मुंबई ने सेमीफाइनल में तमिलनाडु को हराकर 48वीं बार रणजी के फाइनल में जगह बना ली। वहीं मध्य प्रदेश और विदर्भ टीम के बीच रोमांचक सेमीफाइनल मुकाबला खेला जा रहा है।
मुंबइ क्रिकेट एसोसिएशन (MCA) के अधिकारियों ने मंगलवार को बताया, ‘वानखेड़े स्टेडियम में ही फाइनल कराने के पूरे चांस हैं। आखिरी डिसिजन सेमीफाइनल के चौथे दिन तक आ जाएगा।’
MCA के सेक्रेटरी अजिंक्य नायक ने कहा, ‘वानखेड़े स्टेडियम मुंबई क्रिकेट का घर रहा है। यहां 50 से ज्यादा सालों से मुंबई के होम मैच हो रहे। टूर्नामेंट की अहमियत और मुंबई क्रिकेट कम्यूनिटी को देखते हुए यहां फाइनल कराना बेस्ट डिसिजन होगा।’
मुंबई ने 41 बार जीता है खिताब
मुंबई 48वीं बार रणजी के फाइनल में पहुंचा है, टीम ने 41 बार खिताब जीता है। हालांकि टीम को आखिरी जीत 2015-16 के सीजन में मिली। 2021-22 के सीजन में टीम को मध्य प्रदेश के खिलाफ फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था।
मध्य प्रदेश से फिर हो सकता है सामना
मुंबई को रणजी ट्रॉफी फाइनल में एक बार फिर मध्य प्रदेश के सामने खेलना पड़ सकता है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि एमपी टीम विदर्भ को नागपुर में खेले जा रहे दूसरे सेमीफाइनल में हरा दे।पहली पारी में मध्य प्रदेश ने 252 और विदर्भ ने 170 रन बनाए थे। मंगलवार को चौथे दिन का खेल होगा।
तमिलनाडु के कोच बोले, टॉस के कारण हारे
मुंबई ने पहले सेमीफाइनल में तमिलनाडु को पारी और 70 रन से हराकर फाइनल में जगह बना ली। मुंबई तीसरे दिन ही मुकाबला जीतकर फाइनल में पहुंच गई। शतक बनाने वाले शार्दूल ठाकुर प्लेयर ऑफ द मैच रहे।मुंबई के खिलाफ सेमफाइनल में हार के बाद तमिलनाडु के कोच सुलक्षण कुलकर्णी ने कहा कि उनकी टीम टॉस के कारण हारी। अगर कप्तान साई किशोर टॉस जीतने पर पहले बैटिंग नहीं लेते तो सिचुएशन बदल भी सकती थी। मुंबई की पिच पर घास थी, इससे गेंदबाजों को मदद मिली और तमिलनाडु पहली पारी में 146 रन ही बना सका।