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नई दिल्ली, ओलंपिक कांस्य पदक विजेता और अखिल भारतीय किसान कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बजरंग पूनिया ने राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) द्वारा चार साल के निलंबन के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने इस निलंबन को अपने करियर को समाप्त करने की साजिश करार देते हुए सरकार और कुश्ती फेडरेशन पर गंभीर आरोप लगाए हैं।

नाडा का निलंबन और बजरंग की प्रतिक्रिया

नाडा ने बजरंग पूनिया को 10 मार्च को आयोजित ट्रायल में डोपिंग टेस्ट देने से इंकार करने के आरोप में चार साल के लिए निलंबित कर दिया है। इससे पहले, 23 मार्च को उन्हें अस्थायी रूप से निलंबित किया गया था। बजरंग ने इस निलंबन को अन्यायपूर्ण बताते हुए कहा कि यह उन्हें और अन्य खिलाड़ियों को चुप कराने की कोशिश है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “मुझे फंसाने और मेरे करियर को खत्म करने के लिए यह चाल चली गई है।”

सरकार और फेडरेशन पर आरोप

बजरंग पूनिया ने आरोप लगाया कि उन्हें किसानों और महिला पहलवानों की आवाज उठाने के कारण निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा, “सरकार और नाडा कितने भी प्रतिबंध लगा लें, हम पहले भी नहीं झुके थे और अब भी नहीं झुकेंगे।” उन्होंने यह भी दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने का दबाव बनाया गया था, और यदि वे भाजपा में शामिल हो जाते, तो सभी प्रतिबंध हटा लिए जाते।

बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप

बजरंग ने भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि बृजभूषण शरण ने महिला पहलवानों को डोपिंग में फंसाया और डोपिंग एजेंसियों का दुरुपयोग किया। उन्होंने कहा, “बृजभूषण शरण को बचाने में सरकार जुटी है।”

इस निलंबन के बाद, बजरंग पूनिया आगामी चार वर्षों तक किसी भी कुश्ती प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया है कि वे अपने संघर्ष से पीछे नहीं हटेंगे और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे।