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नई दिल्ली, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन, उनके परिवार और कोच यू. विमल कुमार द्वारा दायर उन याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिनमें उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई थी। न्यायमूर्ति एम. जी. उमा ने 19 फरवरी 2025 को दिए अपने आदेश में कहा कि प्रथम दृष्टया रिकॉर्ड पर ऐसे साक्ष्य मौजूद हैं जो अपराध की ओर संकेत करते हैं, इसलिए जांच को रोकना या आपराधिक कार्यवाही को रद्द करना उचित नहीं होगा।

मामला क्या है?

शिकायतकर्ता एम. जी. नागराज ने आरोप लगाया है कि लक्ष्य सेन और उनके परिवार ने जन्म प्रमाण पत्र में हेराफेरी कर उनकी आयु ढाई साल कम दिखाई, ताकि वे आयु-सीमित बैडमिंटन टूर्नामेंट में भाग ले सकें और सरकारी लाभ प्राप्त कर सकें। इस संबंध में सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के तहत प्राप्त दस्तावेजों के आधार पर एक निजी शिकायत दर्ज की गई थी, जिसके बाद एसीएमएम कोर्ट ने हाई ग्राउंड्स पुलिस स्टेशन को एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करने का निर्देश दिया था।

सेन परिवार की प्रतिक्रिया

लक्ष्य सेन और उनके परिवार ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि यह उन्हें परेशान करने के उद्देश्य से लगाए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि शिकायतकर्ता की बेटी को 2020 में प्रकाश पादुकोण बैडमिंटन अकादमी में प्रवेश नहीं मिला था, जिसके कारण यह व्यक्तिगत दुश्मनी का परिणाम है।

आगे की कार्रवाई

हाईकोर्ट द्वारा एफआईआर रद्द करने से इनकार करने के बाद, अब पुलिस द्वारा मामले की विस्तृत जांच की जाएगी। इस दौरान, सेन परिवार के पास उच्चतम न्यायालय में अपील करने का विकल्प भी उपलब्ध है।