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रविवार को क्लोजिंग सेरेमनी के साथ ही पेरिस ओलिंपिक खत्म हो गया। 19 दिन के एक्शन व ड्रामे में कई रिकॉडर्स बने। कई देशों और खिलाड़ियों ने चौकाक। कई विवाद हुए। कुछ पल ऐसे भी आए, जिन्हें दर्शक भूल नहीं पाएंगे। देशों के मेडल जीतने का स्ट्राइक रेट भी उम्दा रहा। मसलन, कैरेबियाई देश सेंट लूसिया ने अपना सिर्फ 4 सदस्यीय दल पेरिस भेजा और उसके खाते में दो मेडल दर्ज हुए। यानी प्रति दो खिलाड़ी एक मेडल।

इसमें भी एक गोल्ड व एक सिल्वर। दोनों मेडल 23 साल की जूलियन अल्फ्रेड ने दिलाए। उन्होंने 100 मीटर का गोल्ड व 200 मीटर का सिल्वर हासिल किया।

इसके बाद पेरिस गेम्स में मेडल जीतने के मामले में सबसे बेहतर स्ट्राइक रेट किर्गिस्तान व नॉर्थ कोरिया का रहा। इन दोनों देशों ने 16-16 खिलाड़ी भेजे थे और दोनों को 6-6 मेडल मिले, यानी 2.67 फीसदी। इस बार आठ देश ऐसे रहे, जिसके हर चीथे खिलाड़ी ने मेडल अपने नाम किया। इनमें चीन व अमेरिका भी शामिल हैं। चीन ने 405 खिलाड़ी भेजे और उसे 91 मेडल मिले यानी करीब 4.45 खिलाड़ी प्रति मेडल। वहीं, अमेरिका के 592 सदस्यीय दल ने 126 मेडल अपने नाम किए बानी करीब 4.70 खिलाड़ी प्रति मेडल।

  • अमेरिका और चीन ने इस बार भी ही मेडल टेबल में टॉप-2 में फिनिश किया। अमेरिका 40 गोल्ड, 44 सिल्वर, 42 बॉन्ज (कुल 126) के साथ पहले नंबर पर रहा। वहीं, चीन ने 40 गोल्ड, 27 सिल्वा, 24 गेल्ड (कुल 91) के साथ दूसरा स्थान हासिल किया।
  • भारत के मेडल स्ट्राइक रेट की बात की जाए तो हमने 117 सदस्यीय दल पेरिस भेजा और हमारे खिलाड़ियों ने 6 मेडल जीते। यानी हर 20 में से एक खिलाड़ी को मेडल। जिन 84 देशों ने मेडल जीते, उसमें स्ट्राइक रेट के मामले में भारत 65वें नंबर पर है।