पेरिस ओलिंपिक में भारत और जर्मनी के बीच मेंस हॉकी का पहला सेमीफाइनल मैच खेला जाएगा। यह मैच रात 10:30 से शुरू होगा। भारतीय टीम जीती तो 44 साल बाद ओलिंपिक हॉकी के फाइनल में पहुंचेगी। इंडिया ने आखिरी फाइनल 1980 के मास्को ओलिंपिक में खेला था।
जर्मनी से भारत कोलंबस के यवेस-डु-मनोइर स्टेडियम में मैच खेलेगा। इसी मैदान पर इंडिया ने क्वार्टर फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से हराया।
एडवांटेज: ओलिंपिक से पहले भारत ने जर्मनी से प्रैक्टिस मैच खेले थे और 6 में से 5 जीते। जर्मनी वर्ल्ड रैंकिंग में चौथे नंबर पर है, जबकि भारतीय टीम की रैंकिंग 5 है।
1. गोलकीपर पीआर श्रीजेश
अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश भारत की सबसे बड़ी स्ट्रेंथ हैं। अपना आखिरी टूर्नामेंट खेल रहे अनुभवी गोलकीपर ने ब्रिटेन के खिलाफ सेमीफाइनल में पेनल्टी शूटआउट में 2 गोल बचाकर टीम इंडिया को जीत दिलाई थी। मैच में श्रीजेश ने कुल 11 पेनल्टी रोकी थी।
2. हरमनप्रीत की कप्तानी
हरमनप्रीत सिंह की लीडरशिप में टीम एकजुट दिख रही है और गोल्ड की ओर बढ़ रही है। हरमन अब तक 7 गोल कर चुके हैं। इनमें से 4 गोल पेनल्टी कॉर्नर पर आए हैं, जबकि 3 गोल पेनल्टी स्ट्रोक पर हुए हैं। हरमन को पेनल्टी पर गोल करने में महारथ हासिल है। वे दुनिया के टॉप ड्रैग फ्लिकर्स में से एक हैं।
ब्रिटेन के खिलाफ हरमन ने पेनल्टी शूटआउट पर गोल करके भारत को आगे किया था। इससे पहले, मैच के दौरान मिले पेनल्टी पर 360 डिग्री घूमकर गोल किया, जिसकी काफी चर्चा रही। इसी गोल ने भारत को बढ़त दिलाई।
3. इंडिया का डिफेंस
टूर्नामेंट में भारतीय टीम का डिफेंस कमाल का रहा है। टीम ने पूरे टूर्नामेंट में महज 8 गोल खाए हैं। पिछले मैच में ब्रिटेन के खिलाफ अमित रोहिदास को 12वें मिनट में रेड कार्ड दिखाया गया। उसके बाद टीम 48 मिनट तक 10 खिलाड़ियों के साथ खेलती रही। टीम ने महज एक गोल गंवाया।