नई दिल्ली- भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में 8 विकेट से हार झेलनी पड़ी है। टीम 36 साल के बाद कीवियों के खिलाफ अपने घर में हारी है। पिछली हार 1988 में वानखेड़े स्टेडियम में मिली थी।
भारतीय टीम ने कीवियों को जीत के लिए 107 रन का टारगेट दिया था, जिसे मेहमान टीम ने रविवार को 2 विकेट खोकर हासिल किया। विल यंग 45 और रचिन रवींद्र 39 रन बनाकर नाबाद लौटे। टीम इंडिया दूसरी पारी में 462 रन पर ऑलआउट हो गई। न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 402 और इंडिया ने 46 रन बनाए थे।
इस हार के बाद टीम इंडिया 3 मैचों की सीरीज में 0-1 से पिछड़ गई है। सीरीज का दूसरा मुकाबला पुणे में 24 से 28 अक्टूबर के बीच खेला जाएगा।
1. टॉस जीतकर गलत फैसला भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी करने का फैसला लिया, जो गलत साबित हुआ। बुधवार 16 अक्टूबर को बेंगलुरु में दिन भर बारिश होती रही। मैच टॉस भी नहीं हो सका।
अगले दिन गुरुवार को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम की पिच में भारी उछाल और स्विंग देखने को मिला। कीवियों ने इसका पूरा फायदा उठाया। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत की पहली पारी के सभी 10 विकेट तेज गेंदबाजों ने हासिल किए।
2. पहली पारी में 46 रन पर ऑलआउट, 5 बैटर्स खाता नहीं खोल सके भारतीय टीम पहली पारी में 46 रन पर ऑलआउट हो गई। टीम के 5 बल्लेबाज खाता भी नहीं खोल सके। यहां से टीम इंडिया बेंगलुरु टेस्ट में बहुत पीछे हो गई थी। आमतौर पर पहली पारी में 50 से कम पर ऑलआउट होने के बाद टीमों पर फॉलोऑन का खतरा होता है।
3. साउदी-रवींद्र की साझेदारी, 356 रन की बढ़त बनाई न्यूजीलैंड ने पहली पारी में 402 रन बनाते हुए 356 रनों की बड़ी बढ़त हासिल की। एक समय टीम ने 233 रन पर 7 विकेट गंवा दिए थे। ऐसा लग रहा था कि टीम 300 के स्कोर तक पहुंचेगी, लेकिन रचिन रवींद्र और टिम साउदी ने 8वें विकेट के लिए 137 रन की पार्टनरशिप करके स्कोर 370 रन तक पहुंचा दिया। इस साझेदारी ने बड़ा अंतर पैदा कर दिया।
4. नई बॉल के आगे भारतीय मिडल ऑर्डर फेल रहा 356 रन से पिछड़ने के बाद टीम इंडिया ने अच्छी शुरुआत की। टीम के टॉप-5 बैटर्स ने स्कोर 400 तक पहुंच दिया था। जब न्यूजीलैंड की टीम ने नई बॉल मंगाई तब टीम इंडिया का स्कोर 400/3 रहा। टीम इंडिया ने दिन के खेल में कोई विकेट नहीं गंवाया था और 169 रन बना डाले थे। सरफराज 146 और पंत 87 रन पर खेल रहे थे। दोनों के बीच 169 रन की साझेदारी भी हो चुकी थी।