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श्रीलंका दौरे के बाद टीम इंडिया 18 सितंबर तक कोई इंटरनेशनल क्रिकेट नहीं खेलेगी। 19 सितंबर से फिर भारत को अगले साल चैंपियंस ट्रॉफी तक लगातार क्रिकेट खेलना है। इसके बाद IPL और फिर वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेला जाएगा।

भारत फिलहाल WTC फाइनल में पहुंचने का सबसे बड़ा दावेदार है। लेकिन उसके लिए टीम को अगले 10 में से 7 टेस्ट जीतने ही होंगे। इनमें भी न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया जैसी टीमें भारत की मुश्किलें बढ़ा सकती हैं। इन्हीं 2 टीमों के खिलाफ भारत ने WTC के पिछले 2 फाइनल गंवाए थे।

स्टोरी में जानेंगे कि भारत WTC के फाइनल में पहुंचने की हैट्रिक कैसे लगा सकता है। साथ ही जानेंगे कि ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड को फाइनल में पहुंचने के लिए क्या-क्या करना होगा।

ज्यादा पॉइंट के बावजूद भारत से नीचे क्यों है ऑस्ट्रेलिया?
WTC में टीमों को एक जीत पर 12 पॉइंट्स, ड्रॉ पर 4 और हार पर कोई पॉइंट नहीं मिलता। जबकि टाई होने पर दोनों टीमों को 6-6 पॉइंट्स मिलते हैं। एक टीम को 2 साल के साइकल में 6 सीरीज खेलनी ही होती हैं, लेकिन हर टीम की सीरीज में मैचों की संख्या फिक्स नहीं होती। किसी सीरीज में 2 तो किसी में 5 टेस्ट भी हो सकते हैं।

ऐसे में अगर टोटल पॉइंट्स के आधार पर रैंकिंग बनाई जाती तो उन टीमों को ज्यादा फायदा होता जो 5 टेस्ट की सीरीज खेलतीं। इस स्थिति से बचने के लिए ICC ने रैंकिंग के लिए परसेंटेज पॉइंट्स को अहमियत दी और इसी से रैंक डिसाइड करने का भी फैसला किया। परसेंटेज पॉइंट्स के कारण ही भारत फिलहाल कम पॉइंट्स के बावजूद ऑस्ट्रेलिया से आगे है।