1735865686Hockey player Sukhjeet Singh's family is happy after Arjun Award was announced
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नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने वीरवार को खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार विजेताओं की घोषणा की। अमृतसर के गांव तिम्मोंवाल के रहने वाले भारतीय हॉकी टीम के कप्तान ड्रैग फ्लिकर हरमनप्रीत सिंह को खेल रत्न, अमृतसर के ही गांव रजधान के रहने वाले

Arjuna Award

और जालंधर के गांव धनोवाली के रहने वाले सुखजीत सिंह को अर्जुन अवार्ड देने की घोषणा से उनके परिवार व खेल प्रेमियों में खुशी की लहर है।

किडनी की बीमारी से पीड़ित हरमनप्रीत के पिता सर्बजीत और मां राजविंदर कौर बेटे को खेल रत्न अवार्ड मिलने की घोषणा से बेहद खुश हैं। बेटे की इस प्राप्ति की खुशी उनके चेहरे पर साफ झलक रही थी। गुरु साहिब का शुकराना करते हुए हरमनप्रीत के पिता ने कहा कि गांव में कोई हॉकी को जानने वाला नहीं था।

हरमनप्रीत ने जंडियाला के निजी स्कूल में शिक्षा प्राप्त करते समय जब इस खेल को चुना तो किसी ने भी यह सोचा भी नहीं था कि वह देश का प्रतिनिधित्व करेगा और खेल रत्न अवार्ड भी प्राप्त करेगा। दूसरी ओर जर्मनप्रीत सिंह का संबंध अमृतसर के उस गांव रजधान से है, जिसने देश को कई साइक्लिस्ट दिए हैं। जर्मनप्रीत सिंह के घर में भी आवर्ड की घोषणा के बाद खुशी का माहौल है। भारतीय हॉकी टीम के फारवर्ड सुखजीत सिंह के जीवन में एक समय ऐसा भी था जब उनको भारत के लिए खेलने का सपना टूटता नजर आता था। 2018 में उन्हें भारतीय टीम के संभावित खिलाड़ियों में चुना गया था। पूरा परिवार खुश था, लेकिन यह खुशी ज्यादा दिन नहीं टिक सकी।

सुखजीत को तैयारी कैंप में रीढ़ की हड़्डी में ऐसी चोट लगी कि वह चार महीने तक बिस्तर से उठ नहीं पाए। दाईं टांग में पैरालिसिस हो गया। पिता अजीत सिंह ने बताया जब वह कैंप से लौटे सुखजीत को अमृतसर एयरपोर्ट लेने पहुंचे तो वह व्हीलचेयर पर था। मैं थोड़ा मायूस हुआ लेकिन बेटे का हौसला बढ़ाया।