2024 11image 11 11 389661341wriddhiman saha announ
2024 11image 11 11 389661341wriddhiman saha announ

नई दिल्ली,- भारतीय विकेटकीपर-बल्लेबाज ऋद्धिमान साहा ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया है। 40 साल के साहा पिछले 3 साल से टीम से बाहर हैं। उन्होंने अपना आखिरी इंटरनेशनल मैच 2021, वानखेड़े में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेला था।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर उन्होंने कहा, मौजूदा रणजी ट्रॉफी सीजन उनका आखिरी टूर्नामेंट होगा। उन्होंने क्रिकेट में शानदार यात्रा के लिए बंगाल क्रिकेट का आभार जताया है।

ये रणजी सीजन मेरा आखिरी-साहा

अपनी क्रिकेट जर्नी को याद करते हुए साहा ने कहा, ‘क्रिकेट में एक यादगार यात्रा के बाद, यह रणजी सीजन मेरा आखिरी होगा। मैं एक बार आखिर में बंगाल की रिप्रेजेंट करके सम्मानित महसूस कर रहा हूं। संन्यास से पहले केवल रणजी ट्रॉफी खेलूंगा।’

भारत के लिए 40 टेस्ट खेले

ऋद्धिमान साहा ने भारत के लिए के लिए 40 टेस्ट खेले हैं। जिसमें 29.41 की औसत से 1,353 रन बनाए हैं। साहा ने टेस्ट क्रिकेट में 3 शतक और 6 अर्धशतक भी लगाए है। उन्हें उनकी विकेटकीपिंग स्किल्स के लिए जाना जाता है।

एम एस धोनी के रिटायरमेंट के बाद टेस्ट क्रिकेट में साहा भारत के विकेटकीपर बल्लेबाज थे। साहा टेस्ट में भारतीय विकेटकीपर द्वारा बनाए गए शतकों के मामले में धोनी और ऋषभ पंत के बाद तीसरे नंबर पर हैं।

मेगा ऑक्शन में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया

साहा का रणजी ट्रॉफी में बंगाल की तरफ से खेलना तो तय है, लेकिन वे अगले साल IPL में खेलते नजर नहीं आएंगे। हाल ही में जारी रिटेंशन लिस्ट में गुजरात टाइटंस ने उन्हें रिटेन नहीं किया है। साहा ने भी मेगा ऑक्शन के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है।

साहा पहले IPL-2008 से हर सीजन का हिस्सा रहे हैं। लीग में उन्होंने 170 मैच में 127.57 के स्ट्राइक रेट से 2934 रन बनाए। इसमें एक शतक और 13 अर्धशतक शामिल है। इसके अलावा उन्होंने भारत के लिए नौ वनडे भी खेले हैं, जिसमें 13.67 की औसत के साथ 41 रन बनाए।

IPL में वे कोलकाता नाइट राइडर्स, चेन्नई सुपर किंग्स, पंजाब किंग्स, सनराइजर्स हैदराबाद और गुजरात टाइटंस के लिए खेल चुके हैं।

पिछले सीजन त्रिपुरा के लिए रणजी खेले

फर्स्ट क्लास क्रिकेट में करीब 15 साल बंगाल के लिए खेलने वाले साहा ने पिछले सीजन में त्रिपुरा के रणजी खेला। बंगाल क्रिकेट संघ (CAB) के एक अधिकारी के साथ विवाद के कारण साहा को बंगाल टीम छोड़नी पड़ी थी। हालांकि, भारत के पूर्व कप्तान और बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष सौरव गांगुली के साथ बातचीत के बाद साहा ने बंगाल लौटने का फैसला किया।