ANI 20241001105658
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नई दिल्ली, भारत के युवा घुड़सवार जय सिंह सबरवाल ने वर्ल्ड जंपिंग चैलेंज की बी कैटेगरी में दूसरी रैंक हासिल की है। वे रविवार, 19 जनवरी को जारी चैंपियनशिप की रैंकिंग में 2.59 अंक लेकर दूसरे स्थान पर रहे। रूस के एला वीटा कस्टेलिक (0.12 अंक) के साथ पहले स्थान पर रहे। इक्वाडोर के जुआन फ्रेंसिसको (2.71 अंक) तीसरे नंबर पर रहे। इस प्रतियोगिता में 27 देशों के 183 घुड़सवारों ने हिस्सा लिया।

15 साल के जय ने पिछले साल 2024 में आयोजित अलग-अलग टूर्नामेंट में 23 मेडल जीते हैं। इनमें 14 गोल्ड, 5 सिल्वर और 4 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। मुंबई के रहने वाले जय ने महज 4 साल के अंदर बड़े टूर्नामेंट में 35 से 40 मेडल जीत लिए हैं। उन्होंने साल 2021 में प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेना शुरू किया।

दिलप्रीत अपने प्रयासों पर कहते हैं… मुझे लगता है कि जब तक बच्चे का पैशन नहीं होता, तो वह नहीं करता है। बचपन से घुड़सवारी में जय की रुचि बढ़ ही रही है, कम नहीं हो रही है। हां, मेरी ओर से भी कोई कमी नहीं रही है। मैं उसकी ट्रेनिंग सहित अन्य एक्टीविटी में इन्वॉल्व रहा हूं। मेरे फॉर्म हाउस में अब भी 12 घोड़े हैं। वे पढ़ाई में भी अच्छे हैं। अगले टूर्नामेंट के लिए उनका एडमिशन US के एक ऑनलाइन स्कूल में कराया है।

जय ने 5 साल की उम्र में पहली बार थामी लगाम दिलप्रीत जय के शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहते हैं…’मुंबई के बाहर हमारे फॉर्म हाउस हैं। उनमें एक इंग्लिश ब्रिटिश लेडी थीं। जय ने उनके साथ ही हॉर्स राइडिंग शुरू की। वे 12 साल की उम्र में पहली बार प्रतियोगिता में उतरे, तब हम लोग बेल्जियम में थे। वहां जय ने करियर के पहले टूर्नामेंट में 3 मेडल जीते थे।

कॉर्ना ने ऐन मौके पर छलांग नहीं लगाई, फिर 11 गोल्ड जिताए दिलप्रीत बताते हैं कि वैसे तो जय के पास 4 घोड़े हैं, लेकिन कार्ना डे ला ब्रायर (घोड़ी) उसे सबसे ज्यादा पसंद है। पहले वह जंप करने में मदद नहीं कर रही थी। दिसंबर-2023 की बात है, नेशनल टूर्नामेंट चल रहा था। कॉर्ना उसे जंप पॉइंट तक लेकर गई, लेकिन ऐन मौके पर छलांग नहीं लगाई।

ऐसे में जय ने थोड़ी सख्ती दिखाई और उसके साथ बॉन्ड बिल्ड किया। यह ठीक वैसा ही है, जैसे- बच्चों के साथ थोड़ा सख्त होना जरूरी है। बाद में कॉर्ना ने उसे जनवरी-2024 के बाद 11 गोल्ड मेडल जिताए। जय दिन भर में 2 घंटे राइडिंग करते हैं। इसके अलावा, 3 घंटे घोड़ों की देखभाल में जाते हैं।