इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में पंजाब किंग्स ने गुरुवार को 200 रन का टारगेट रिकॉर्ड छठी बार चेज किया। इस चेज में अनकैप्ड भारतीय शंशाक सिंह ने 61 रन की नॉटआउट पारी खेली। शशांक छत्तीसगढ़ के लिए घरेलू क्रिकेट खेलते हैं और उनके पिता मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में IPS ऑफिसर हैं।
प्रोफेशनल क्रिकेट में कई बार रन नहीं बने तब परिवार ने सपोर्ट किया। उन्होंने कहा कि मैं कर लूंगा, मेहनत करो, आपमें काबिलियत है। पापा और परिवार को मुझ पर बहुत ज्यादा विश्वास है। कई प्लेयर्स को परिवार का सपोर्ट नहीं मिलता, लेकिन मैं लकी हूं कि मुझे वो सपोर्ट मिला।
मैं जब 9-10 साल का था, तब पापा की पोस्टिंग भोपाल में हुई। मैंने तभी क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया, पापा ने ही मुझे टेनिस और प्लास्टिक बॉल से बॉलिंग कराकर बैटिंग मजबूत करवाई। जब पापा की पोस्टिंग जबलपुर में हुई तो उन्होंने घर पर ही टर्फ पिच बनवा दी। यहां सीनियर फास्ट बॉलर भी प्रैक्टिस करते थे, उनके सामने बैटिंग का फायदा मिला और अंदर से तेज गेंदबाजों को फेस करने का डर दूर हुआ।
पापा ने कॉलेज लेवल क्रिकेट खेला है, उन्हें क्रिकेट देखने का बहुत शौक है। वह यूट्यूब पर भी पुराने मैच के वीडियो ही देखते रहते हैं। वह हमेशा कहते हैं कि मुझे भी क्रिकेट की ज्यादा से ज्यादा वीडियो देखकर अपने गेम में सुधार करना चाहिए। मैच के बाद पापा ने कहा कि कुछ शॉट्स और बेहतर खेले जा सकते थे।
पापा कभी मेरी पारी से संतुष्ट नहीं होते, लेकिन गुजरात के खिलाफ मैच के कुछ शॉट्स से वह खुश थे। हर मैच के बाद उनसे बात होती है, वह हमेशा मुझे गाइड करते हैं। फिटनेस और शॉट्स पर भी उनसे हमेशा बात होती है। आप कितने पानी में हो यह पता होना बहुत जरूरी है। क्रिकेट में हमेशा सुधार की गुंजाइश रहती है, ऐसे में पापा से बात करना मुझे अच्छा लगता है।