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पैरालिंपिक गेम्स से पहले भारत के बैडमिंटन खिलाड़ी प्रमोद भगत को 18 महीने के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। उन्हें एंटी डोपिंग नियमों का उल्लंघन करने के चलते निलंबित किया गया है। भगत ने टोक्यो पैरालिंपिक में मेंस सिंगल एसएल3 क्लास के फाइनल में ग्रेट ब्रिटेन के डेनियल बेथेल को हराकर गोल्ड मेडल जीता था।

BWF को अपनी लोकेशन नहीं बताई
प्रमोद भगत ने बीते 12 महीनों में तीन मौके पर (वे क्या कर रहे) इस बार में बैडमिंटन वर्ल्ड फेडरेशन को नहीं बताया था। ऐसे में उनपर BWF के एंटी डोपिंग नियम ‘व्हेयरअबाउट’ के उल्लंघन का आरोप है। BWF ने एक बयान में कहा, “भारत के टोक्यो 2020 पैरालिंपिक चैंपियन प्रमोद भगत को 18 महीने के लिए निलंबित किया गया है और वह पेरिस पैरालिंपिक नहीं खेलेंगे” वे एक साल में तीन बार अपना ठिकाना बताने में नाकाम रहे थे।36 साल के एसएल3 खिलाड़ी भगत ने cas के अपील विभाग में इस फैसले के खिलाफ अपील की थी जो पिछले महीने खारिज हो गई।

28 अगस्त से होने हैं पैरालिंपिक गेम्स
29 जुलाई 2024 को CAS के अपील विभाग ने भगत की अपील खारिज कर दी और CAS के डोपिंग सेक्शन ने एक मार्च 2024 को इस फैसले के बारे में बताया, “यह निलंबन एक सितंबर 2025 तक लागू रहेगा” पेरिस पैरालिंपिक गेम्स 28 अगस्त से लेकर 8 सितंबर तक होने हैं।

प्रमोद को चार साल की उम्र में पोलियो हो गया था
प्रमोद भगत का जन्म 4 जून 1988 को बिहार के हाजीपुर में हुआ था। हालांकि बाद में प्रमोद ओडिशा में आकर बस गए। भगत को चार साल की उम्र में पोलियो हो गया था और अपने पड़ोसी को खेलते हुए देखकर ही वह इस खेल में आए थे। शरद कुमार के बाद प्रमोद भगत ने टोक्यो पैरालिंपिक में शानदार प्रदर्शन कर बिहार के साथ-साथ देश का मान बढ़ाया है। उन्होंने बैडमिंटन में भारत के लिए गोल्ड जीता है।