भारत के अनुभवी तीरंदाज तरुणदीप राय का कहना है कि चौथे ओलंपिक में हिस्सा लेते हुए उनके लिए यह ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ वाली स्थिति है। वे पेरिस ओलिंपिक में भारतीय आर्चरी टीम का हिस्सा हैं और अनौपचारिक ‘मेंटोर’ के तौर पर भी काम कर रहे हैं। पेरिस ओलिंपिक गेम्स में गुरुवार को भारतीय तीरंदाज क्वालिफिकेशन दौर से अभियान शुरू करेंगे।
40 साल के तरुणदीप राय अपने चौथे ओलिंपिक में पहला मेडल जीतने की कोशिश में जुटे हैं। उन्होंने ओलिंपिक गेम्स को छोड़कर वर्ल्ड लेवल से लेकर कॉन्टीनेंटल लेवल की हर चैंपियनशिप में मेडल जीते हैं।
तरुणदीप की मुख्य बातें…
- हर साथ से कहता हूं- ऐसे खेलो जैसे यह आपका आखिरी ओलिंपिक तरुणदीप ने PTI से कहा- ‘हर दिन इमोशनल होता है। यह चौथा मौका है। मेरे लिए यह ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ वाली स्थिति है। मैं अपने साथी तीरंदाजों से भी कहता हूं। शायद कोई अपना पहला या दूसरा ओलिंपिक खेल रहा हो, लेकिन उसे इस तरह सोचना चाहिए कि ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’। आपको इस तरह प्रयास करना चाहिए जैसे कि यह आपका आखिरी ओलंपिक हो।’’
- ओलिंपिक हर खिलाड़ी का सपना अनुभवी तीरंदाज ने कहा- ‘ओलिंपिक हर खिलाड़ी का सपना होता है और मैं भी इससे अलग नहीं हूं। इसके लिए आपको सर्वश्रेष्ठ तैयारी करनी होती है। आपको क्वालिफाई करने और मेडल जीतने के लिए कड़ी मेहनत करनी होती है।’ राय ने कहा, ‘इस ओलिंपिक में 3 साल के अंतराल के बाद खेल रहा हूं। कई बदलाव आए हैं जो सकारात्मक हैं। टोक्यो में जो भी कमी रह गई थी उसे दूर करना मेरा लक्ष्य है। मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा।’
- हम हमेशा मामूली अंतर से मेडल चूके राय ने कहा, ‘हमेशा उम्मीदें रहती हैं। हमारे पास पदक जीतने की काबिलियत थी, लेकिन मामूली अंतर से इससे चूकते रहे और खाली हाथ लौटे। पर इस बार हम सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में हैं, हमने इन चीजों को नियंत्रण में रखा है।’