shreyas iyer
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नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम को आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का विजेता बनाने में वैसे तो हर एक खिलाड़ी ने बराबर मेहनत की लेकिन एक शख्स का योगदान अहम मौके पर आया. टीम इंडिया इस टूर्नामेंट के दौरान जब जब मुश्किल में थी तब श्रेयस अय्यर ने आकर उपयोगी पारी खेली और टीम को जीत तक पहुंचाया. कमाल की बात यह कि इस खिलाड़ी के पास बीसीसीआई का कोई कॉन्ट्रैक्ट नहीं है. कुछ महीने पहले चयनकर्ताओं ने उनको टीम से बाहर का रास्ता दिखा दिया था.

श्रेयस अय्यर ने इस चैंपियंस ट्रॉफी में भारतीय टीम के लिए चौथे नंबर पर आकर उसकी मुश्किलों को हल किया. ऐसे नंबर पर बल्लेबाजी की जहां दबाव ज्यादा होता है लेकिन उनके रहते टीम ने इसे कभी महसूस नहीं किया. बांग्लादेश के खिलाफ अगर टूर्नामेंट का पहला मैच छोड़ दें तो श्रेयस अय्यर ने हर एक मैच में रन बनाया और टीम की जीत सुनिश्चित की. पाकिस्तान और न्यूजीलैंड के खिलाफ उन्होंने लगातार अर्धशतकीय पारी खेली जबकि सेमीफाइनल और फाइनल में मैच को आखिर तक पहुंचाया.

मुश्किल में अय्यर की मंझी पारी
पाकिस्तान के खिलाफ श्रेयस अय्यर ने 100 रन पर दूसरा विकेट गिरने के बाद मैदान पर कदम रखा था. जब वो मैदान से बाहर गए तो भारतीय टीम का स्कोर 214 रन था. टीम इंडिया 242 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही थी. 67 बॉल पर 56 रन की पारी ने मैच का रुख बदल दिया. न्यूजीलैंड के खिलाफ आखिरी लीग मैच में इस बल्लेबाज ने टीम के लिए सबसे ज्यादा रन बनाए थे. 98 बॉल पर 79 रन की पारी खेल श्रेयस अय्यर ने भारत को 249 रन तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई.