अफगानिस्तान की टीम भले ही टी-20 वर्ल्ड कप 2024 के सेमीफाइनल में हार गई हो, लेकिन उनके यहां तक के सफर को पूरे क्रिकेट जगत में सराहा जा रहा है। खासकर टीम के कप्तान राशिद खान का नाम इस समय हर क्रिकेट प्रेमी की जुबान पर है। उनकी कप्तानी में टीम ने ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी बड़ी टीमों को टूर्नामेंट में हराकर पहली बार वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में जगह बनाई।
कप्तान राशिद खान का यहां तक का सफर आसान नहीं रहा। उनका बचपन बेहद कठिनाई में बीता। 2001 में अफगानिस्तान में अमेरिका और तालिबान के बीच छिड़े युद्ध ने उनके परिवार को घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया। बच्चों की सुरक्षा के लिए परिवार अफगानिस्तान छोड़कर पाकिस्तान बॉर्डर के पास रिफ्यूजी कैंप में रहने लगा। उस समय राशिद की उम्र केवल 3 साल थी। हालात सुधरने के बाद परिवार लौटा, लेकिन कुछ समय बाद फिर वही स्थिति बनी तो पूरा परिवार पाकिस्तान लौट गया। पेशावर की गलियों में खेलते हुए उनका जीवन आगे बढ़ा।
एक बार राशिद को अचानक अंग्रेजी बोलने का जुनून सवार हो गया। मैट्रिक की परीक्षा देने के बाद उन्होंने 6 महीने तक अंग्रेजी की स्पेशल ट्यूशन ली। इसके बाद खुद इंग्लिश ट्यूशन पढ़ाने लगे।