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भारत की महिला रेसलर विनेश फोगाट एक बार फिर ओलिंपिक में मेडल की लड़ाई शुरू करने जा रही हैं। हालांकि, ओलिंपिक तक पहुंचने की उनकी ये लड़ाई काफी पहले शुरू हो गई थी। 2020 टोक्यो ओलिंपिक के बाद विनेश को बैन कर दिया गया।

तब इंडियन रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा था- हमने खोटा सिक्का भेजा था। बाद में पहलवानों और बृजभूषण के बीच लड़ाई सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई। इस बीच बैन से दुखी विनेश तानों से परेशान होकर डिप्रेशन में चली गईं। साइकोलॉजिस्ट के पास गईं तो उसने कहा कि अगर कुश्ती नहीं छोड़ी तो परेशानी बहुत बड़ी हो सकती है।

विनेश नहीं रुकीं, कुश्ती लड़ती रहीं और तीसरे ओलिंपिक में जगह बनाई। आज विनेश 50 किग्रा कैटेगरी में देश की ओर से चुनौती पेश करेंगी।

हरविंदर इन परेशानियों का जिम्मेदार उस समय के रेसलिंग फेडरेशन अध्यक्ष को मानते हैं। कहने लगे, “विनेश के फिजियो को टोक्यो जाने का वीजा नहीं दिया गया। रेसलिंग फेडरेशन ने जो किट दी थी, विनेश उसमें कम्फर्टेबल नहीं थी। उसने अपने स्पॉन्सर की किट पहनी, लेकिन उसे ऐसा करने से रोका गया।

मुश्किल रेसलिंग मैचों के बीच विनेश को अपना सारा सामान खुद ही उठाकर ले जाना पड़ रहा था। विनेश एक्स्ट्रा मेहनत और किट के कारण क्वार्टर फाइनल से ठीक पहले बीमार हो गई। प्रैक्टिस के दौरान उसकी पुरानी चोट भी उभर आई, लेकिन उसे डॉक्टर तक नहीं दिया गया। जिस कारण वो हार गई।”